Tuesday, November 27, 2007

पुकार

इस पल थम जा जरा मेरे लिए
कुछ पल सुन जा जरा मुझे मेरे लिए
मुझसे नाता तो जन्मों का है
मैं उत्तरांचल हूँ तेरा कुछ तो कर जा मेरे लिए। इस पल थम जा जरा मेरे लिए।

मैं समेटता हूँ इस धरा कि बृहद खूबसूरती
पर्वत श्रंखला, फूलों कि घाटी और देवभूमि कहलाता हूँ मैं
उन परवानों कि सहादत पर रोता हूँ मैं जिन्हें नही भुला सकते सच्चे सपूत मेरे
जरा सुन दर्द मेरा, इस पल जरा थम जा मेरे लिए।

मेरा हर सपूत सच्चा जवान है मुझे मेरी पहचान दिलाई है।
मुझे गर्व है उन शहीदों पर जिनसे आज हूँ मैं।
सोचा था उन्होने कुछ तस्वीर बदलेगी
एक नया सवेरा होगा एक नया अहसास होगा
सब अपने स्वाभिमान से मजबूत क़दमों से चलेंगे
उनका मान मेरा सम्मान है तू भी कुछ कर जा मेरे लिए,
माँ हूँ तेरी मातृभूमि हूँ तेरी इस पल जरा थम जा मेरे लिए।

तू भी तो लाराजता है खुसी से जब चार धामों कि बातें कोई करता है।
नैनीताल का रहने वाला हूँ झूठ भी कभी कह लेता है
आज मेरे हर रंग को हर बसंत को सबको बतलाना चाहता है
जाने कभी सर्म्षर हो जाता है , कहीं खो जाता है , जब मेरे पास पास नही होता तो
तो क्यों रो जाता है
मत खो मेरे लिए मत रो मेरे लिए, सुन ले एक अर्ज मेरी इसलिए इस पल जरा थम जा मेरे लिए

मैं अखंड उत्तराखंड हूँ । मैं अटल हिमालय हूँ
देवताओं का वास है मुझमे, मैं देवभूमि हूँ
मैं जानता हूँ मैं दिल हूँ तेरा, बसा ले दिल मैं मुझे मेरे लिए
कहना है आज जरा कुछ, इस पल थम जा मेरे लिए

मेरी पहचान अब भी बाक़ी है
मेरे शहीद सपूतों का सपना अब भी बाक़ी है
मैं संघर्ष के उन दिनों को नही भूल सकता
अब तेरा कुछ योगदान बाक़ी है

मेरे सपूतों ने एक सपना देखा था।
इस धरा का एक नया राज्य "उत्तराखंड" मुझे नाम दिया था।
बिना तुम्हारे मैं अधूरा हूँ, एक सपना संजो लो मेरे लिए
मैं तो सदा तुम्हारा हूँ, बस इस पल थम जा मेरे लिए।


भाई लोगों मुझे माफ़ करना अगर कोई गलती होगी । बड़ी जल्दी बाजी मीलिखा है मैने इसे अगर कोई सुझाव आप देना चाहें या कूच बदलाव चाहें तो आपका हार्दिक स्वागत है।